पृथ्वीराज चौहान के बारे में यह जान लो।
पृथ्वीराज चौहान का जन्म 1149 में हुआ था।
पृथ्वीराज चौहान के पिताजी का नाम सोमेश्वर था।
पृथ्वीराज चौहान के माता जी का नाम का कपूरादेवि था।
चौहान के गुरु का नाम श्री राम जी था।
पृथ्वीराज चौहान के मित्र का नाम चंद्रवरदाई था।
पृथ्वीराज चौहान के पिताजी का अवसान पृथ्वीराज चौहान जब 11 वर्ष के थे तभी हो गया था।
पृथ्वीराज चौहान फिर अजमेर के राजा हुए।
पृथ्वीराज चौहान की पत्नी का नाम संयोगिता देवी था।
पृथ्वीराज चौहान ने चौहान वंश के सबसे शक्तिशाली राजा थे। संयोगिता राजा जयचंद की बेटी थी।
पृथ्वीराज चौहान की कुल पांच पत्नीया थी।
पृथ्वीराज चौहान का एक बेटा था जिसका नाम गोविंद चौहान था।
पृथ्वीराज चौहान और राजा जयचंद के बीच 1189 और 1190 में युद्ध हुआ। दोनों बार पृथ्वीराज की जीत हुई।
पृथ्वीराज चौहान के छोटे भाई का नाम हरीराज चौहान था।
पृथ्वीराज चौहान की राजधानी अजमेर में थी।
पृथ्वीराज चौहान के बेटी का नाम मिला था
पृथ्वीराज चौहान के प्रमुख सेनापति का नाम चौड़ा था।
पृथ्वीराज चौहान के हाथी का नाम आदिभयंकर था।
क्या चौहान की कुलदेवी माता आशापुरा थी।
पृथ्वीराज चौहान की तलवार का वजन 61 किलोग्राम था वह तलवार 28 इंच लंबी थी।
पृथ्वीराज चौहान की सेना में 3,00,000 लाख सैनिक 300 हाथी और कहीं घोड़े थे।
पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गोरी को 17 बार हराया।
पृथ्वीराज चौहान शब्द भेदी बाण चलाना जानते थे।
पृथ्वीराज चौहान परंपरागत शिक्षाली उनके अलावा वेदांत ,पुराण, इतिहास, सैन्य विज्ञान, और चिकित्सा की पढ़ाई की थी।
पृथ्वीराज चौहान चित्रकला और संगीत में भी परगत थ।
पृथ्वीराज चौहान ने किला राय पिथौरा बनवाया था।
पृथ्वीराज चौहान ने राजा गुजरात के राजा भीमदेव को हराया था।
पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गोरी के बीच तराइन के मैदान में 1192 में युद्ध हुआ जिसमें गोरी की जीत हुई।
मोहम्मद गौरी पृथ्वीराज चौहान को पड़कर कबूल ले गया वहां पर मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान की दोनों आंखों में गर्म सलियां डाल दिया और उन्हें अंधा कर दिया।
पृथ्वीराज चौहान को ढूंढते ढूंढते वहां एक दिन चंद्रवरदाए आते हैं और वह मोहम्मद गोरी को बताते हैं कि पृथ्वीराज चौहान शब्द विधि बाण चलाना जानते हैं। मोहम्मद गोरी यह बात नहीं माना उसने इस बात को एक काल्पनिक बताया। तभी मौका देखकर चंद्रवरदाई ने कहा कि आप चाहो तो इसकी एक प्रतियोगिता रख सकते हैं।
गोरी चंद्र बधाई की बातों में आ गया और उसने प्रतियोगिता रखी एक प्रतियोगिता रखी।
चंद्रवरदाहिनी ने योजना रची और यह पूरी योजना उसने पृथ्वीराज चौहान को समझाइ।
प्रतियोगिता चालू हुई और पृथ्वीराज ने अपना हूनर दिखाना चालू किया तभी चंद्रवरदाई ने एक दोहा कहा और उन्होंने दोहे में पृथ्वीराज चौहान से मोहम्मद गोरी का अंतर बताया। वह ऐतिहासिक दोहा
चार बास 24 गज अंगुल अष्ट प्रमाण ता ऊपर सुल्तान मत चूके चौहान।
यह सुनने के बाद पृथ्वीराज चौहान ने बाण चलाया और मोहम्मद गोरी को मार डाला।
मोहम्मद गोरी के मरने के बाद चंद्रवरदाई ने पृथ्वीराज चौहान के पेट में खंजर गोपदी और खुद को भी मार दी इस तरह से पृथ्वीराज चौहान और चंद्रमा उदय दोनों की मौत हो गई।
पृथ्वीराज चौहान आखिरी हिंदू सम्राट थे।
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